M Com Course Details in Hindi, M Com Full Form, M Com Course Eligibility, M Com Course Duration, M Com Course Fees

आज के लेख में हम ग्रेजुएशन के बाद किये जाने वाले एक खास कोर्स के बारे में जानकारी देने वाले हैं। अगर आप वाणिज्य क्षेत्र में ग्रेजुएशन कर चुके हैं और अभी भी अच्छे कैरियर विकल्प के लिए कोई कोर्स खोज रहे हैं, तो आपके लिए यह लेख काफी महत्वपूर्ण होने वाला है।
लेख में एम कॉम कोर्स के बारे में पूरी जानकारी दी गई है, जो वर्तमान समय में एक बेहतर कैरियर विकल्प माना जाता है। लेख में नीचे दिए गए बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा की गई है।
- एम कॉम कोर्स क्या है
- एम कॉम का फुल फॉर्म क्या है
- एम कॉम के लिए योग्यता क्या है
- एम कॉम कोर्स की अवधि कितनी होती है
- एम कॉम की फीस कितनी होती है
- एम कॉम के प्रमुख कॉलेज
- एम कॉम कोर्स के बाद कैरियर विकल्प क्या है
- एम कॉम के बाद जॉब के क्षेत्र क्या है
- एम कॉम के बाद सैलरी कितनी मिलती है
इसके अलावा इस लेख में हम, कोर्स से संबंधित और भी कई सारे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करने वाले हैं। तो आइए जानते हैं M Com Course Details in Hindi को विस्तार से।
What is M Com Course Details in Hindi | M Com Kya Hota Hai
M Com Course, एक मास्टर डिग्री कोर्स होता है, जिसे वाणिज्य क्षेत्र में ग्रेजुएशन (बी कॉम) करने के बाद किया जा सकता है। इस कोर्स के माध्यम से स्टूडेंट को वाणिज्य से संबंधित शिक्षा एवं प्रशिक्षण दिया जाता है। यह कोर्स बैचलर डिग्री कोर्स के बाद आता है, जिसमें वाणिज्य से संबंधित विषयों पर गहन जानकारी दी जाती है।
M Com Course में छात्रों को फाइनेंसियल एकाउंटिंग, मैनेजमेंट, टैक्सेशन, इंश्योरेंस, कॉमर्स, इकोनॉमिक्स आदि विषयों पर शिक्षा एवं प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। इस कोर्स के माध्यम से स्टूडेंट किसी एक क्षेत्र में विशेषज्ञता भी प्राप्त कर सकता है।
एम कॉम की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट या कैंडिडेट के पास अच्छे कैरियर विकल्प उपलब्ध होते हैं। कई सारे जॉब के अवसर भी मिलते हैं जिनमें वो किसी भी अच्छे क्षेत्र में जॉब पाकर अपने कैरियर की शुरुआत कर सकते हैं।
M Com Full Form in Hindi | एम कॉम का फुल फॉर्म क्या होता है
M Com Ka Full Form- ‘Master of Commerce’ होता है। पढ़ते समय हम इसे कुछ इस प्रकार से उच्चारण करते हैं “मास्टर ऑफ कॉमर्स”।
हिंदी में M Com का पूरा नाम वाणिज्य में स्नातकोत्तर, यानी कि Commerce में Post-Graduation होता है। इसे सरल भाषा में समझने के लिए हम वाणिज्य विषय में मास्टरी करना भी कह सकते हैं।
M Com Full Form in Hindi को जानने के बाद अब हम जानने वाले हैं कि इसे करने के लिए क्या योग्यता निर्धारित है।
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M Com Course Eligibility
एम कॉम कोर्स करने के लिए स्टूडेंट के पास निर्धारित योग्यताओं का होना अनिवार्य होता है। इन योग्यताओं की जानकारी नीचे विस्तार से दी गई है।
- स्टूडेंट के पास किसी भी मान्यता प्राप्त कॉलेज या यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन की डिग्री होना अनिवार्य है।
- ग्रेजुएशन में वाणिज्य विषय (Commerce Subject) का होना अनिवार्य है।
- ज्यादातर कॉलेजों में बीकॉम यानी बैचलर ऑफ कॉमर्स की डिग्री के बाद ही एम कॉम में प्रवेश दिया जाता है।
- बीकॉम में स्टूडेंट को कम से कम 50% अंक प्राप्त होना चाहिए।
- कुछ कॉलेजों में 45% अंक प्राप्त होने पर भी एम कॉम कोर्स के योग्य माना जाता है।
जो छात्र ऊपर दी गयी योग्यतायें रखता है उसे एम कॉम कोर्स में प्रवेश दिया जाता है।
आपको बता दें कि एम कॉम कोर्स में एडमिशन मुख्य रूप से दो प्रकार से लिया जाता है। पहला, प्रवेश परीक्षा के माध्यम से, और दूसरा ग्रेजुएशन में प्राप्त अंकों के आधार पर।
कुछ बड़े कॉलेजों में एमकॉम कोर्स में एडमिशन के लिए स्टूडेंट को कॉलेज द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा (M Com Entrance Exam) के लिए आवेदन देना पड़ता है। प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। अगर छात्र का नाम मेरिट लिस्ट में आ जाता है तो उसे एम कॉम कोर्स में एडमिशन दे दिया जाता है।
जबकि कुछ कॉलेजों में ग्रेजुएशन यानी बीकॉम की डिग्री में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट लिस्ट जारी की जाती है। उस मेरिट लिस्ट में नाम आने पर स्टूडेंट को एमकॉम में एडमिशन दिया जाता है।
M Com Course Duration
एम कॉम कोर्स को पूरा करने के लिए 2 साल का समय लगता है। इन 2 सालों में सारे विषयों को 4 सेमेस्टर में विभाजित करके पढ़ाया जाता है। हर सेमेस्टर के बाद टेस्ट या परीक्षा ली जाती है। टेस्ट में पास होने के बाद ही दूसरे सेमेस्टर में प्रवेश दिया जाता है।
आपको बता दें कि बीकॉम के बाद एम कॉम कोर्स किया जाता है। ज्यादातर कॉलेजों में एमकॉम की डिग्री मिलने के साथ-साथ स्टूडेंट को प्लेसमेंट भी मिल जाता है यानी जॉब के अवसर भी मिल जाते हैं।
M Com Syllabus and Subjects
एम कॉम में पढ़ाये जाने वाले विषयों का विवरण इस प्रकार है-
Accounting | Finance | Taxation |
E- Commerce | Financial Management | Business Ethics |
Operation Research | Organisational Behavior | Business Ethics |
Banking | Economics | Human Resource Management |
हर एक संस्थान में ऊपर बताये गए विषयों के अनुसार ही पढ़ाई कराई जाती है। या यूँ समझ लीजिये कि एम कॉम का 2 वर्षीय पाठ्यक्रम इन्ही विषयों के इर्द गिर्द की घूमता है। छात्रों को इन विषयों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है जिससे वो वर्तमान परिवेश में अपनी शिक्षा और हुनर का इस्तेमाल कर सकें।
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M Com Course Fees in Government College and Private College
एम कॉम कोर्स की फीस अलग-अलग कॉलेजों में अलग-अलग होती है। कुछ कॉलेजों में छात्रों को शिक्षा के अलावा दी जाने वाली अन्य सुविधाओं के अनुसार भी फीस को निर्धारित किया जाता है। सरकारी कॉलेजों में प्राइवेट कॉलेज के मुकाबले काफी कम फीस होती है।
औसत अनुसार सरकारी कॉलेज में एमकॉम कोर्स के लिए लगभग 10,000 रुपए से लेकर 30,000 रुपए तक की फीस होती है। कुछ राज्य स्तर की यूनिवर्सिटी में जाति प्रमाण पत्र के आधार पर फीस में छूट दी जाती है।
इस कोर्स की फीस निजी या प्राइवेट कॉलेज में ज्यादा भी हो सकती है। औसत अनुसार प्राइवेट कॉलेजों में M Com Course Fees लगभग ₹50,000 से लेकर ₹3,00,000 तक हो सकती है। आप उन कॉलेजों में जाकर सही फीस की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एम कॉम Course Specialization
एम कॉम कोर्स, वाणिज्य शिक्षा से संबंधित कोर्स है। इस कोर्स में वाणिज्य क्षेत्र से संबंधित अलग-अलग विषयों पर विशेषज्ञता प्राप्त की जा सकती है। यानी स्टूडेंट किसी एक विषय को चुनकर उसमें विशेषज्ञ बन सकते हैं। एमकॉम कोर्स में नीचे दिए गए विषय या क्षेत्र में Specialisation हासिल किया जा सकता है।
- एकाउंटिंग
- टैक्सेशन
- बैंकिंग एंड फाइनेंस
- इकोनॉमिक्स
- मैथमेटिक्स
- ई-कॉमर्स
- मार्केटिंग
- कंप्यूटर एप्लीकेशन
- अकाउंटिंग एंड फाइनेंस
- फाइनेंस एंड कंट्रोल
- फाइनेंस
- बैंकिंग
- बिजनेस मैनेजमेंट
- स्स्टेटिस्टिक्स, आदि।
इसके अलावा और भी कई विषय उपलब्ध हैं, जिनमें Specialisation हासिल किया जा सकता है।
एमकॉम कोर्स के बाद कैरियर विकल्प
एम कॉम कोर्स के बाद स्टूडेंट के पास कई सारे कैरियर विकल्प होते हैं। कुछ कॉलेजों में तो इस कोर्स की डिग्री प्राप्त करने के साथ-साथ जॉब के अवसर भी दिए जाते हैं। स्टूडेंट एम कॉम की डिग्री हासिल करने के बाद सरकारी एवं प्राइवेट दोनों क्षेत्र में जॉब पाने के योग्य बन जाता है।
वाणिज्य में मास्टरी करने वाले स्टूडेंट को बड़ी-बड़ी कंपनियों में जॉब के अवसर दिए जाते हैं जिनमें अच्छी सैलरी भी होती है। इसके अलावा स्टूडेंट के पास एम कॉम कोर्स करने के बाद कई सारे जॉब विकल्प होते हैं जिसकी जानकारी आगे लेख में दी गई है।
Jobs After M Com Course
आपको बता दें कि एम कॉम की डिग्री हासिल करने के बाद स्टूडेंट सरकारी एवं प्राइवेट दोनों क्षेत्र में जॉब के लिए आवेदन दे सकते हैं। नीचे उदाहरण स्वरूप समझने के लिए कुछ जॉब पदों एवं क्षेत्रों के नाम दिए गए हैं।
- ह्यूमन रिसोर्स मैनेजर
- फाइनेंशियल एनालिस्ट
- चार्टर्ड मैनेजमेंट अकाउंटेंट
- इन्वेस्टमेंट एनालिस्ट
- चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर
- फाइनेंस मैनेजर
- बिजनेस कंसलटेंट
- टीचर/लेक्चरर
- बजट एनालिस्ट
- स्टॉक ब्रोकर्स
- ऑडिटर्स
- मार्केटिंग मैनेजर
- बुक कीपर्स
ऊपर दिए गए पदों के अलावा एम कॉम के बाद और भी कई सारे जॉब क्षेत्र उपलब्ध होते हैं जिनमें बेहतर कैरियर बनाया जा सकता है।
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M Com salary in India
एम कॉम की डिग्री लेने के बाद अलग-अलग जॉब पदों में अलग-अलग सैलरी दी जाती है। कुछ जॉब पदों में एक फ्रेशर एम कॉम डिग्री धारक को लगभग 2 से 3 लाख रुपए तक प्रति वर्ष का पैकेज मिल सकता है।
जबकि कुछ समय का अनुभव प्राप्त करने के बाद लगभग 3 लाख रुपए से लेकर 6 लाख रुपए तक प्रति वर्ष का पैकेज दिया जाता है।
आपको बता दें कि कुछ उच्च स्तर के कंपनियों में कई सारे ऐसे पद हैं जिनमें एम कॉम के बाद लगभग 6 लाख रुपए से लेकर 12 लाख रुपए तक प्रति वर्ष का पैकेज दिया जाता है।
निष्कर्ष
साथियों, M Com Course Details in Hindi के इस लेख में हमने आपको कोर्स से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी दी है। अगर आपको लगता है कि लेख में बताये गए बिन्दुओं पर अधिक जानकारी चाहिए तो आप हमें कमेंट करके ज़रूर बताएं।
Frequently Asked Questions (FAQs)
एम कॉम कितने साल का होता है?
एम कॉम कोर्स को पूरा करने के लिय 2 साल का समय लगता है। इस कोर्स को बी कॉम के बाद किया जा सकता है।
एम कॉम का फुल फॉर्म क्या है?
एम कॉम एक मास्टर डिग्री कोर्स है। इसका फुल फॉर्म Master of Commerce होता है।
एम कॉम करने में कितना पैसा लगता है?
एम कॉम कोर्स की फीस सरकारी कॉलेजों या यूनिवर्सिटी में लगभग 10 हजार रुपए से लेकर 30 हजार रुपए तक होती है। जबकि प्राइवेट कॉलेज में 50 हजार रुपए से लेकर 3 लाख रुपए तक की फीस हो सकती है।