Mushroom Farming Business Plan (Mushroom Ki Kheti Kaise Hoti Hai): वर्तमान समय में मशरूम फार्मिंग एक बेहतरीन बिजनेस आइडिया बनकर सामने आ रहा है। अगर आप भी मशरूम फार्मिंग बिजनेस प्लान के बारे में जानना चाहते हैं तो इस आर्टिकल के साथ अंत तक जुड़े रहे।
आज के इस आर्टिकल में आप जानेंगे- Mushroom Ki Kheti Kaise Kare, Mushroom ki Kheti in Hindi, Mushroom Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai और Mushroom Ki Kheti Ke Fayde.
मशरूम क्या है (Mushroom definition in Hindi)
मशरूम को एक कवक कहा जा सकता है जो एक साधारण पौधे के रूप में ही पैदा होते हैं। परंतु अक्सर मशरूम को मीट की श्रेणी में रखा जाता है। दरअसल मशरूम को फफूंद से उत्पन्न होने की वजह से ही मांसाहारी कवक कहा जाता है। मशरूम में भरपूर मात्रा में प्रोटीन और पोषक तत्व पाए जाते हैं।
मशरूम का प्रयोग साधारण सब्जी से लेकर विभिन्न प्रकार की dishes में किया जाता है। इसके अलावा मशरूम का प्रयोग दवा बनाने में भी होता है। अगर साधारण शब्दों में मशरूम को एक स्वास्थ्यवर्धक कवक के रूप में देखा जाए तो बिल्कुल सही रहेगा।
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मशरूम कितने प्रकार का होता है (Types of Mushroom in India)
वैसे तो पूरी दुनिया के साइंटिस्ट मशरूम के प्रकार पर भली भांति खोज कर चुके हैं। उनके अनुसार इस वर्ल्ड में 10,000 से भी ज्यादा प्रकार के मशरूम पैदा होते हैं। परंतु जब बात मशरूम के बिजनेस की जाए तो यहां केवल पांच प्रकार के मशरूम को ही महत्ता दी जाती है।
मशरूम की उन्नत किस्में
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mushroom. अगर बटन मशरूम यानी कि मिल्की मशरूम की बात की जाए तो इसे बिजनेस और स्वाद, दोनों ही दृष्टि से बेहतरीन माना जाता है।
मशरूम कैसे उगाए जाते हैं – Mushroom Cultivation
Mushroom Cultivation को हम Mushroom ki kheti in Hindi भी बोल सकते हैं। Mushroom Ki Kheti के लिए मशरूम फार्म में एक कमरा बनाया जाता है जिसके अंदर मशरूम का बीज बोकर पैदावार की जाती है। कुछ समय बाद जब मशरूम अच्छी तरह तैयार हो जाते हैं तो उन्हें पैक करके बाजार में बेच दिया जाता है।
Mushroom Farming Business Benefits- फायदे
Mushroom Ki Kheti Ke Fayde
- मशरूम फार्मिंग में मशरूम उगाने के लिए बहुत ही कम निवेश की जरूरत होती है।
- मशरूम फार्मिंग की सबसे खास बात कि इसे किसी भी मौसम या तापमान में पैदा किया जा सकता है।
- भारत में मजदूर सस्ते दाम पर मिल जाते हैं जिसकी वजह से मशरूम फार्मिंग में लागत कम रहती है। हालांकि मशरूम फार्मिंग में ज्यादा मजदूर की जरूरत नहीं पड़ती है।
- मशरूम की डिमांड लोकल मार्केट के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय मार्केट में भी बहुत ज्यादा बढ़ रही है।
- एक रिसर्च के अनुसार मशरूम का सेवन कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी को भी खत्म कर सकता है।
(How To Start Mushroom Farming in India in Hindi)
Mushroom Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai
मशरूम फार्मिंग वर्तमान समय में एक अच्छी कमाई देने वाला खेती बिजनेस बन चुका है। परंतु सबसे पहले मशरूम की खेती के लिए जमीन, आवश्यक निवेश और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करना जरूरी है। आइये जानते हैं कि कैसे आप एक सफल मशरूम फार्मिंग बिजनेस आरंभ कर सकते हैं।
ट्रेनिंग (Training For Mushroom Farming Business)
मशरूम फार्मिंग के रूप में बिजनेस शुरू करने के लिए ट्रेनिंग लेना बहुत आवश्यक है। इस उद्देश्य के लिए भारत के विभिन्न क्षेत्र में मशरूम फार्मिंग ट्रेनिंग सेंटर खोले जा चुके हैं। ऐसी बहुत सी कंपनी है जो बिल्कुल फ्री में मशरूम फार्मिंग ट्रेनिंग प्रदान करती हैं। मशरूम फार्मिंग ट्रेनिंग सेंटर में आपको कुछ ही दिनों में सभी प्रकार की जानकारी देकर एक्सपर्ट बना दिया जाता है।
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जमीन तैयार करें (Mushroom Ki Kheti Kaise Ki Jaati Hai)
ट्रेनिंग के अंतर्गत आपको मशरूम फार्मिंग के लिए फार्म तैयार करने की पूरी विधि सिखाई जाती है। इस विधि के अनुसार आप जमीन तैयार करके या खाली कमरे का प्रयोग करके मशरूम की खेती शुरू कर सकते हैं। हालांकि यदि आप बड़े स्तर पर मशरूम फार्मिंग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको बड़ा फार्म तैयार करना होगा। दरअसल खाली कमरों में मशरूम की खेती केवल छोटे स्तर पर ही की जा सकती है।
कंपोस्ट खाद
मशरूम के अच्छे उत्पादन के लिए कंपोस्ट खाद प्रमुख रूप से जिम्मेदार होती है। कंपोस्ट खाद को बनाने के लिए गेहूं या धान की पराली को डीकंपोज किया जाता है। आइए जानते हैं कि मशरूम की खेती के लिए कंपोस्ट खाद कैसे बनाएं।
कंपोस्ट खाद की विधि
सबसे पहले तो गेहूं या धान के भूसे को इकट्ठा किया जाता है जिसके बाद उस पर कम से कम 1500 लीटर पानी का छिड़काव करना होगा। compost खाद को बनाने के लिए पानी में 1.5 Kilogram फॉर्मलीन और 150 gram बेवस्टीन mix करनी होगी। इस पूरे मिश्रण का छिड़काव लगभग 1050 किलोग्राम भूसे पर किया जा सकता है। तत्पश्चात पूरे मिश्रण को अच्छी तरह से कवर किया जाता है ताकि जल्दी से कंपोस्ट खाद का निर्माण हो सके।
दरअसल धान और गेहूं के भूसे में कई प्रकार की अशुद्धियां मिक्स होती हैं उन्हें निकालने के लिए इस पूरी प्रक्रिया का पालन किया जाता है। मशरूम के अच्छे उत्पादन के लिए यह शुद्धिकरण जरूरी होता है अन्यथा मशरूम के उत्पादन में कमी रह जाती है।
मशरूम कैसे उगाए जाते हैं (Mushroom Ki Kheti Kaise Kare)
मशरूम के बीज की बुवाई: जैसे ही मशरूम का उत्पादन करने के लिए भूसा यानी कि कंपोस्ट खाद तैयार हो जाता है तो सबसे पहले उसे सुखाना आवश्यक है। ऐसा करने से भूसे में उत्पन्न हुई सारी नमी खत्म हो जाती है। मशरूम की बुवाई करने के लिए 16X18 size का एक पॉलिथीन बैग लेना होगा। इस पॉलीथिन बैग में भूसा डालकर उस पर मशरूम के बीज का छिड़काव करना होगा।
मशरूम के बीज का अच्छी तरह से छिड़काव करने के बाद फिर से भूसे की परत बिछानी होगी। इस भूसे की परत के ऊपर एक बार फिर से मशरूम के बीज का छिड़काव करें। इस प्रक्रिया के अनुसार आप अच्छी तरह से मशरूम के बीज की बुवाई कर सकते हैं।
मशरुम की खेती करने का तरीका
Mushroom Ki Kheti Karne Ka Tarika- Mushroom Ki Kheti Kaise Hoti Hai
मशरूम फार्मिंग में 2 तरीके से mushroom उगाए जाते हैं। उनमें से एक विधि को hanging और दूसरे को ranking method कहा जाता है। मशरूम के बीज को उगाने के लिए जिन थैलियों का उपयोग किया जाता है उन्हें जमीन पर नहीं रखना होता है। इसलिए हैंगिंग या रैंकिंग मेथड का प्रयोग करके थैलियों को आयोजित किया जाता है।
Mushroom Farming Hanging Method के लिए रूम की दीवारों में लकड़ी की गिट्टी फिक्स की जाती है। इसके बाद प्रत्येक 2 फीट के अंतराल पर इन लकड़ी की गिट्टी पर बांस रखा जाता है। इन लकड़ियों पर कमरे की ऊंचाई के हिसाब से रस्सी के पलडे बनाकर लटका दिए जाते हैं जिनके सहारे मशरूम पॉलिथीन बैग को लटकाना होता है।
Mushroom Farming Ranking Method के अंतर्गत लकड़ी के तख्तों को धरती से 6-7 इंच की ऊंचाई पर बिछाया जाता है। उन्हें एक रैक के रूप में रखने के उपरांत मशरूम बैग सेट कर दिए जाते हैं। मशरूम फार्मिंग के लिए आप अपनी सुविधा अनुसार कोई भी तरीका चुन सकते हैं।
मशरूम के लिए हवा के प्रवाह को बंद रखें: मशरूम के बीज की अच्छी तरह से बुवाई करने के उपरांत पॉलिथीन बैग को रूम के अंदर शिफ्ट कर दे। इन बैग को कम से कम 15 दिन के लिए इस कमरे में बंद रखना होगा। इसके उपरांत आप दरवाजा खोल कर हवा का प्रवाह जारी रख सकते हैं। साथ ही आपको एक पंखे का भी प्रबंध करना होगा ताकि सभी मशरूम को उचित मात्रा में हवा प्राप्त होती रहे। लगभग 15 दिन के समय में ही मशरूम पॉलिथीन बैग में सफेद रंग के दिखने शुरू हो जाते हैं।
Mushroom की कटाई: मशरूम की बुवाई के बाद उसकी फसल को कम से कम 1 महीने के बाद काटा जा सकता है। दरअसल मशरूम की कटाई करने के लिए 30 से 40 दिन का समय पर्याप्त माना जाता है।
मशरूम की पैकिंग और मार्केट में सप्लाई:
मशरूम की कटाई करने के उपरांत उनकी छंटाई करनी होगी ताकि एक उत्तम क्वालिटी का मशरूम बाजार में सप्लाई के लिए तैयार हो सके। इसके बाद आप किसी भी व्यापारी के माध्यम से या फिर डायरेक्ट भी मशरूम की पैकिंग करके मार्केट में सप्लाई कर सकते हैं।
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मशरूम का बीज क्या रेट है? (Mushroom Seed Price)
मशरूम का बीज क्या रेट मिलता है? के बारे में बात की जाए तो यह लगभग 70 रुपए से लेकर 150 रुपए प्रति किलोग्राम तक हो सकता है। हालांकि मशरूम के बीज का रेट बीज के ब्रांड पर भी निर्भर करता है।
मशरूम की खेती में कितना खर्च आता है? (Investment For Mushroom Farming)
Mushroom Farming Cost: मशरूम की खेती के बिजनेस में इन्वेस्टमेंट बिजनेस के लेवल पर आधारित होती हैं। दरअसल मशरूम की खेती में बीज खरीदने से लेकर, जमीन को तैयार करने और कीटनाशक दवाओं के लिए भी खर्च आता है। ऐसे में अगर आप मशरूम की खेती का बिजनेस छोटे स्तर पर शुरू करेंगे तो आपको ₹10,000 से लेकर ₹60,000 तक खर्च करने पड़ेंगे। बल्कि मशरूम की खेती को बड़े स्तर पर आरंभ करने के लिए ₹90,000 से लेकर 10,00,000 रुपए तक इन्वेस्ट करना होगा।
मशरूम फार्मिंग बिजनेस में लाभ (Mushroom Farming Profit Margin)
Mushroom Ki Kheti Ke Fayde: मशरूम के व्यापार में मिलने वाला लाभ प्रतिवर्ष के हिसाब से ₹1,00,000 से लेकर ₹6,00,000 तक हो सकता है। हालांकि मशरूम फार्मिंग में उपयोग की गई बेहतरीन तकनीक इस मुनाफे को और भी ज्यादा बढ़ा सकती है।
मशरूम फार्मिंग के लिए सब्सिडी
सरकार द्वारा मशरूम फार्मिंग के लिए लोन मुहैया करवाया जाता है जिसके लिए आप ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। मशरूम खेती के लिए सब्सिडी हेतु www.nabard.org वेबसाइट पर जाकर अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
निष्कर्ष
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