Solar Panel क्या है और इससे Energy कैसे distribute होती है?

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आज हम आपको बताएंगे Solar Panel Kya Hai? (सोलर पैनल क्या है) और Solar Panel Se Energy kaise Distribute Hoti Hai? (सोलर पैनल से एनर्जी कैसे डिस्ट्रीब्यूटर होती है?) अगर आप घर या ऑफिस के लिए Solar Panel खरीदना चाहते हैं तो आप हमारा ये पोस्ट आखिर तक ज़रूर पढ़ें जिससे आप एक सही सोलर पैनल का चुनाव कर सकें।

आजकल बहुत से लोग Solar Panel का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसका इस्तेमाल बिजली का खर्चा बचाने के लिए और बिजली कटौती से बचने के लिए किया जा रहा है। यही कारण है कि हर कोई सोलर पैनल के बारे में जानना चाहता है ताकि वह भी सोलर पैनल का इस्तेमाल कर सके।

तो चलिए जानते हैं सोलर पैनल क्या है और सोलर पैनल ग्रिड क्या है?

Solar panel kya hai (सोलर पैनल क्या है)

सोलर पैनल एक तरह का उपकरण होता है जो छोटे-छोटे सिलिकॉन सेल से मिलकर बना होता है। जब इस उपकरण पर सूर्य की किरणें पड़ती है, तब यह उपकरण सूर्य की किरणों को ग्रहण कर लेता है और उसके बाद सूर्य की किरणों को बिजली में परिवर्तित कर देता है। सूर्य द्वारा ली गई किरणों को बिजली में बदल देने वाला उपकरण ही Solar Panel कहलाता है।

आपने देखा होगा चाहे वो बड़ी इंडस्ट्री हो या घर, सभी जगह इसका उपयोग किया जा रहा है। सोलर पैनल की खोज अलेक्जेंडर एडमंड बैकेलल नें 1839 में की थी। इन्होने ऐसे इफेक्ट के बारे में खोजा जिससे सूरज की रोशनी को बिजली में बदला जा सकता है। इस इफेक्ट को फोटोवॉल्टिक इफेक्ट कहा जाता है।

On grid or off grid solar system (ऑन ग्रिड और ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम)

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Image By: Pexels

Solar System दो प्रकार के होते हैं। इनमें से एक ऑनग्रिड और दूसरा ऑफ ग्रिड होता है। दोनों सोलर सिस्टम के अलग-अलग काम होते हैं।

दोनों ही तरह के सोलर सिस्टम के अपने-अपने फायदे हैं और अपने-अपने नुकसान हैं जिसकी जानकारी नीचे दी गयी है।

On grid solar system (ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम)

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल वहां पर किया जाता है, जहां पर बिजली पूरे दिन रहती हो या फिर कुछ देर के लिए जाती हो। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम से आप बिजली बनाकर वापस बिजली बोर्ड को भी भेज सकते हैं। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी और इनवर्टर की जरूरत नहीं पड़ती। इससे आपको डायरेक्ट ही बिजली मिल जाती है।

Off grid solar system (ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम)

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का इस्तेमाल वहां पर किया जाता है, जहां पर बिजली बहुत कम आती हो। ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम में बैटरी और इनवर्टर की जरूरत पड़ती है, ताकि आप बैटरी को चार्ज करके बिजली का इस्तेमाल कर सकें। इसमें इनवर्टर और बैटरी आपकी जरूरत के हिसाब से ही लगाई जाती है।

On grid solar system benefits and limitations (ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम के फायदे और नुकसान)

ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप अतिरिक्त बिजली को बिजली विभाग में वापस भेज सकते हैं। उदाहरण के तौर पर यदि दिन में 20 यूनिट बिजली बनती है और सिर्फ 10 यूनिट बिजली ही घर में इस्तेमाल होती है तो बाकी की 10 यूनिट बिजली, बिजली बोर्ड में वापस भेज दी जाती है। इससे आपके आने वाले बिल में 10 यूनिट बिजली कम हो जाती है या फिर 10 यूनिट के पैसे कम हो जाते हैं। ऑन ग्रिड सोलर सिस्टम का नुकसान यह है कि जब लाइट गई हो तब आप इसका इस्तेमाल नहीं कर सकते।

Off grid solar system benefits and limitations (ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम के फायदे और नुकसान)

ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा है कि आप इसमें बिजली को स्टोर करके रख सकते हैं और आप जब चाहें उस बिजली का इस्तेमाल कर सकते हैं। पर ऑफ ग्रिड सोलर सिस्टम का नुकसान यह है कि इसके लिए आपको इनवर्टर और बैटरी की जरूरत पड़ती है। एक सामान्य बैटरी 2 से 3 साल तक चलती है और उसके बाद इसे बदलना पड़ता है। अगर आपके घर, फैक्ट्री या फिर ऑफिस में बिजली की ज्यादा खपत होती है तो इसके लिए आपको बड़े इन्वर्टर और बड़ी बैटरी की ज़रुरत पड़ती है।

How solar panel works (सोलर पैनल किस तरीके से काम करता है)

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Image By: Pixabay

अब हम आपको बताने वाले हैं Solar Panel कैसे काम करता है और किस तरह से बिजली बनाता है। ऊपर आपने पढ़ा कि सोलर पैनल में सिलिकॉन का इस्तेमाल किया जाता है। दुनिया में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली धातुओं में सिलिकॉन दूसरे नंबर पर आती है। सिलिकॉन एक सेमीकंडक्टर होता है। सिलिकॉन में दो Properties होती है- एक Conductor और दूसरी Insulator. कंडक्टर वह होता है जिसमें से बिजली पास हो जाती है, जैसे लोहे की कोई धातु या कोई तार। इंसुलेटर से बिजली पास नहीं होती जैसे की लकड़ी।

कंडक्टर में सिलिकॉन दो तरह का होता है- एक पॉजिटिव और दूसरा नेगेटिव। इसमें पॉजिटिव और नेगेटिव सिरों को एक साथ रखा जाता है। फिर उस पर सूर्य की किरणें डाली जाती हैं। सूर्य की किरणों के अंदर बहुत ही सूक्ष्म कण होते हैं जिन्हें हम फोटोन कहते हैं। सूरज की रोशनी से जब किरणें सोलर पैनल पर गिरती हैं तब सेमीकंडक्टर में इलेक्ट्रान, पॉजिटिव से नेगेटिव की ओर जाने लगते हैं और Photovoltaic Effect शुरू हो जाता है और इस प्रक्रिया से बिजली उत्पन्न होने लगती है।

निष्कर्ष

Solar Panel का उपयोग करना काफी फायदेमंद होता है। सोलर पैनल के इस्तेमाल से प्रदूषण जैसी समस्याएं भी खत्म की जा सकती हैं। गांव जैसे इलाकों में जहां पर बिजली नहीं आती, वहां पर सोलर पैनल लगवाना बहुत ही फायदेमंद है। अगर आपका बिजली का बिल अधिक आता है और आप इसे कम करना या इससे निज़ात पाना चाहते हैं तो आप Solar Panel लगा कर इस इस समस्या से बच सकते हैं। इसके लिए आप अपने घर के उपयोग के अनुसार सही सोलर पैनल का चुनाव कर सकते हैं।

आज हमने आपको Solar Panel Kya Hai? (सोलर पैनल क्या है), Solar Panel Se Energy kaise Distribute Hoti Hai? (सोलर पैनल से एनर्जी कैसे डिस्ट्रीब्यूटर होती है?) से सम्बंधित जानकारी देने की कोशिश की है। हमें उम्मीद है कि आप हमारे इस पोस्ट से ज़रूर लाभान्वित होंगे। ऐसे ही अन्य इनफॉर्मैटिव पोस्ट पढ़ने के लिए हमारे ब्लॉग को ज़रूर फॉलो करें। इस पोस्ट को और बेहतर बनाने के लिए यदि आपके पास कोई सुझाव हो तो हमें कमेंट बॉक्स के माध्यम से बता सकते हैं।

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हैलो दोस्तों, मेरा नाम आशुतोष आदित्य है और मैं एक मैकेनिकल इंजिनियर हूँ। मैंने ऑटोमोबाइल सेक्टर, डिफेन्स मैन्युफैक्चरिंग और एनर्जी सेक्टर में वरिष्ठ पदों पर काम किया है। मुझे इस प्रोफेशन में करीब 19 वर्षों का अनुभव है। अपने रेगुलर कार्यों के अलावा मुझे बिज़नेस, तकनीकी विषयों और मैनेजमेंट से सम्बंधित विषयों पर लेख लिखना पसंद है।

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